सिरसा और करनाल के किसानों के लिए अगले 24 घंटे रहेंगे मुसीबत भरे, मौसम विभाग ने किया अलर्ट जारी
हरियाणा प्रदेश के सिरसा और करनाल जिले के किसानों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जाली करते हुए बताया कि अगले 24 घंटे मुसीबत लेकर आ रहे हैं। ज्ञात हो की सिरसा जिले में पिछले वर्ष भी मौसम ने इन दिनो अपना रौद्र रूप दिखाया था। पिछले वर्ष ओलावृष्टि और भारी बारिश के चलते सिरसा जिले के किसानों कि फैसले तहस-नहस हो गई थी।
अब एक बार फिर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए सिरसा और करनाल जिले में अगले 24 घंटे में भारी बारिश के संकेत दिए हैं। अगर मौसम के बताए गए पूर्वानुमान के अनुसार इन जिलों में बारिश या ओलावृष्टि होती है तो किसानों को अपनी गेहूं की फसलों में भारी नुकसान होगा। आपको बता दें कि इस समय सिरसा और करनाल जिले के किसानों की गेहूं की फैसले खेतों में सुनहरी रंग धारण कर पककर बिल्कुल तैयार खड़ी है।
अगर इस समय बारिश या तूफान आता है तो किसानों की पक्की-पकाई फसलें बर्बाद हो जाएंगी। किसान अपनी 6 महीने की मेहनत से गेहूं की फसल तैयार करते हैं। ऐसे में अगर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे में बारिश या तूफान आता है तो किसानों की पिछले 6 महीनों की दिन-रात की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
इन क्षेत्रों में हो सकती है आज भारी बारिश
मौसम विभाग ने आज अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि सिरसा जिले के रानिया, ऐलनाबाद, खारिया, नाथूसरी चोपटा, कागदाना, खेड़ी, रामपुरा ढिल्लों, जमाल, लुदेसर और डबवाली क्षेत्र में अगले 24 घंटे में भारी बारिश हो सकती है। वही करनाल जिले के इसराना, घरौंडा और असंध क्षेत्र में भारी बारिश हो सकती है। पिछले कुछ समय से हो रही इस बेमौसमी बारिश ने किसानों के माथे पर छाने वाली चिंता की लकीरों को एक बार फिर से बढ़ा दिया है।
सिरसा जिले के पीरखेड़ा गांव के किसान छोटू राम ने बताया कि उनकी कई एकड़ की गेहूं की फसल पककर खेतों में लहरा रही है। अब अगर मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बारिश या तूफान आता है तो उन्हें लाखों रुपए का नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि इस फसल को तैयार करने हेतु हमारा हम सब पिछले 6 महीनों से दिन-रात मेहनत कर रहे है।
मेहनत के साथ-साथ हमने अच्छी फसल होने तो कीटनाशक दवाइयों और देखरेख में काफी अधिक मात्रा में खर्च कर रखा है। ऐसे में अगर अब बारिश होती है तो हम जैसे हजारों किसान बर्बाद हो जाएंगे। बारिश के कारण फसलों में नुकसान तो होगा ही होगा साथ ही साथ पशुओ हेतु बनने वाला चारा भी नष्ट हो जाएगा।